उस ने कहा मुझ से कितना प्यार है...
मैं ने कहा सितारों का कोई शुमार नहीं
उस ने कहा की कौन तुम्हें है बहुत अज़ीज़ ?
मैं ने कहा , दिल पे जिस का इख्तियार है
उस ने कहा कौन सा तोहफा तुम्हें मैं दूँ ?
मैं ने कहा वही शाम जो अभी तक उधार है
उस ने कहा खिजां मैं मुलाक़ात का जवाज़...?
मैं ने कहा, कुर्ब का मतलब बहार है......
उस ने कहा सैकरों ग़म ज़िन्दगी मैं हैं
मैंने कहा ग़म नहीं, ग़म की मीठी फुहार है
उस ने कहा साथ कहाँ तक निभाओ गे...?
मैं ने कहा जितनी यह साँस की तार है ......
उस ने कहा मुझ को यकीन आए किस तरह..?
मैं ने कहा, नाम मेरा ऐतबार है....!!!
Saturday, July 25, 2009
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अच्छी कोशिश बात कहने की।
ReplyDeleteउस ने कहा सैकरों ग़म ज़िन्दगी मैं हैं
मैं ने कहा ग़म नहीं, जब ग़म का सागर साथ है
मेरे विचार से उक्त पंक्तियों को ऐसा लिखें तो कैसा लगेगा-
उसने कहा सैकड़ों ग़म ज़िन्दगी में हैं
मैंने कहा ग़म नहीं, ग़म की मीठी फुहार है
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत ही बेहतरीन...
ReplyDeleteश्यामल जी का सुझाव भी आत्मसात कर लेनेवाला है।
Shyamal ji ka sujhav behad achha laga..!
ReplyDeleteAnek shubhkamnayen!
http://shamasansmaran.blogspot.com
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http://lalitlekh.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://shama-baagwanee.blogspot.com
Excellent man..! superb..:)
ReplyDeleteI had also written songs for my band.. but cant publish them on a blog..